National Youth Day 2024 : राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास जानें स्वामी विवेकानंद जयंती क्यों । Know About Its

National Youth Day 2024 : राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास जानें स्वामी विवेकानंद जयंती क्यों । Know About Its इसकी  शुरुआत क्यों हुई और इसका क्या उद्देश्य है। 


National Youth Day 2024 :
राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी - 



National Youth Day 2024 : क्यों मनाया जाता है जानें और उदेश्य। 

भारत देश में युवा लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है लोगों की संख्या करोड़ों में है भविष्य उसके युवाओं पर ही निर्भर करता है। नई प्रतिभा के आने से देश की तरक्की होती है और युवाओं के कार्य और कम से किसी भी देश की तरक्की होती है उसी प्रकार भारत देश में भी तरक्की हो इसलिए भारत में युवा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में प्रति वर्ष 12जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जन्मदिन को ही राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है।

 भारत सरकार ने 1984 में हर साल 12 जनवरी को"राष्ट्रीय युवा दिवस " के रूप में बनाने की घोषणा की थी। भारत देश ज्यादा संख्या युवाओं की है और किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर ही निर्भर करता है। नई प्रतिभा के आने से देश में नए-नए तरक्की देखने को मिलती है और देश का भविष्य भी बनता है। वहीं देश के युवाओं के सही मार्ग दर्शन के लिए हर साल भारत में युवा दिवस मनाया जाता है। 

राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में प्रति वर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के नाम से मनाया जाता है। भारत सरकार ने 1984 में प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को " राष्रीय युवा दिवस " के रूप में मनाने की घोषणा की। स्वामी विवेकानंद जी युवा पीढ़ी के लोगों के लिए आदश्श माने जाते हैं। उस दिन से सभी को स्कूलों और कॉलेजों में खास इंतजाम किए जाते हैं और बच्चों को स्वामी विवेकनंद के जीवन के बारे में बताया जाता है। इस अवसर पर युवाओं द्वारा बहुत से कार्यक्रम किए जाते हैं और युवाओं के द्वारा विद्यालय में पत्र लेखन और कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण, योगासन, सम्मेलन, गायन, संगीत, व्याख्यान, स्वामी विवेकानंद पर भाषण, आदि आयोजित की जाती है।

राष्ट्रीय युवा दिवस प्रत्येक वर्ष एक अलग थीम (विषय) के साथ मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद के विचार, दर्शन और अध्यापन भारत की महान सांस्कृतिक और पारंपरिक संपत्ति हैं। युवा देश के महत्वपूर्ण अंग हैं जो देश को आगे बढ़ाता है इसी वजह से स्वामी विवेकानंद के आदशों और विचारों के द्वारा सबसे पहले युवाओं को चुना जाता है। इसलिए भारत के सम्मानित युवाओं को प्रेरित करने और बढ़ावा देने के लिये हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरुआत हुई। 'राष्ट्रीय युवा दिवस' का दिन आज के युवाओं में कुछ नया करने का जोश भर देता है। भारत की युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानंद जी के उच्च विचारों से प्रेरणा लेकर अपना और अपने भारत देश का भविष्य बेहतर बना सकती है।


स्वामी विवेकानंद जी के बारे में:

स्वामी विवेकानंद बहुत ही फेमस और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु व्यक्तित्व के थे। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। हम उनके जन्मदिन पर प्रत्येक 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाते हैं। स्वामी विवेकानंद के  पिता जी का नाम विश्वनाथ दत्त और माता जी का नाम भुवनेश्वरी देवी थी। इनके पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता उच्च न्यायालय के प्रसिद्ध वकील थे।

स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वह आध्यात्मिक विचारों वाले अद्धूत बच्चे थे। विवेकानंद के मन में बचपन से ईश्वर को जानने और प्राप्त करने की लालसा थी। नरेन्द्र बचपन से ही मेधावी थे । उन्होंने 1889 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर कोलकाता के जनरल असेम्बली नामक कॉलेज में पूर्ण की। 

यहाँ उन्होंने इतिहास, दर्शन, साहित्य आदि विषयों का आध्ययन किया। नरेन्द्र ने बी.ए. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की । स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस थे, स्वामी विवेकानंद को दीक्षा देकर  उनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था। स्वामी जी ने शिकांगों में सन् 1883 में विश्व स्वामी विवेकानंद ने होने वाले धर्म सम्मेलन में हिस्सा लिया था और लोगों के बीच भाषण भी दिया था। स्वामी विवेकानंद जी वहां पर भारत के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे थे। भाषण का आरंभ उन्होंने बहनों और भाईयों शब्द से किया था । इस संबोधन से ही लोगों ने तालियाँ बजानी शुरू कर दी थीं। स्वामी जी के भाषण को लोगों ने बहुत  ही ध्यान से सुने  थे । स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि संसार में एक ही धर्म होता है वह है मानव धर्म। 

राम, कृष्ण, मुहम्मद भी इसी धर्म का प्रचार करते रहे हैं धर्म का उद्देश्य
पानी मात्र को शांति देना होता है 1 शांति को प्राप्त करने के लिए द्वेष,नफरत, कलह उपाय नहीं होते हैं बल्कि प्रेम होता है । हिंदू धर्म का यही संदेश होता है । सभी में एक ही आत्मा का निवास होता है। स्वामी जी के इस भाषण से सभी बहुत प्रभावित हुए थे। स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की ।

 स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में वेदांत के सिद्धांतों का प्रसार किया। स्वामी विवेकानंद के कई ऐसे अनमोल विचार है, जो आपको जीवन में हाँसला देते हैं; जैसे- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो।  4 जुलाई 1902 को उन्होंने कोलकाता के बेलूर मठ में समाधि ले ली । हर साल 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि दिवस के रूप में मनाया जाता है। इनके दिए गए संदेश आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्तोत्र हैं। स्वामी विवेकानंद के आदर्श विचार आज भी दुनिया को प्रेरित करते हैं।






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